Re/turning to soil: becoming one-bodied with the Earth

Cult Stud Sci Educ. 2021;16(3):707-726. doi: 10.1007/s11422-021-10031-1. Epub 2021 Jul 29.

Abstract

This paper curates four experiential narratives and poetry by the five co-authors that illustrate epistemic and ontic shift from the Modern Western (ModWest) mindset to a holistic, embodied and animistic mindset. Coming from different cultural backgrounds, yet having been systemically influenced by the dominant ModWest views and values, each author has initiated an ongoing shift in consciousness, demonstrating how such transformations are possible. Affirming that a shift in consciousness is not simply a matter of cognitive change but is a thoroughly holistic process, the authors write in autobiographical narratives and poetry to capture and convey embodied and emplaced, experiential understanding and feelings, or 'felt sense.' Deep changes in the consciousness, such as these epistemic shifts, take the whole ensemble of "body + mind + heart + soul + spirit + the world" as the unit of change for learning. Through these writings, they sensuously and feelingly, existentially-and-spiritually and discursively explore possibilities of becoming one-bodied with the animate Earth. They call this the re-bonding project through which they address humanity's first-order bonding rupture between Humans and the Earth community.

यह शोध अध्ययन पाँच सह-लेखकों के चार अनुभतवमक कहानियाँ एवं कविताओं के चुनिंदा संग्रहण को पेश करती है जो आधुनिक पाश्चात्य मानसिकता से हटकर एक पूर्णतवादी, सन्निहित, और आध्यात्मिक सोच अपनाती है। सभी लेखक विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से होते हुएँ भी प्रमुख पाश्चात्य विचारों से प्रभावित हैं। यह कहानियाँ हैं उनकी जारी उपक्रमों के जो दिखलाते हैं की वास्तविक परिवर्तन सम्भव हैं। लेखक दृढ़ता के साथ कहना चाहते हैं कि यह अंदरूनी चेतना में बदलाव केवल एक ज्ञान-सम्बंधी प्रक्रिया नहीं हैं बल्कि एक पूर्ण समग्र परिवर्तन हैं जिसे लेखकों ने आत्मकथात्मक, अनुभव-सम्बंधी कथाओं के प्रणाली से पेश किए हैं। गहरे जागरुकता के लिए एक सम्पूर्ण संयोजन की ज़रूरत हैं जिस विद्या में तन, मन, हृदय, आत्मा, भावना, और संसार का मिश्रण होता हैं। अपने लेख के माध्यम से यह लेखक अनुभूति-जनक, भावमय, आध्यात्मिक एवं अस्तित्ववान चर्चा करने का प्रयास करते हैं ताकी वह इस सजीव पृथ्वी के संग नितांत रूप से एक हो जाए। वह इस परियोजना को re-bonding अर्थात नवीकृत मिलन की पहचान देते हैं जिसके माध्यम से वे मानवता और धरती की सम्बंध-विच्छेद को सम्बोधित करना चाहेंगे।.

Keywords: Animism; Autobiographical narratives; Embodiment; Holism; ModWest; Modern western worldview.