टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 96:
== भूगोल ==
{{मुख्य|मेघालय का भूगोल}}[[File:Meghalaya Abode of the Clouds India Nature in Laitmawsiang Landscape.jpg|thumb|left|मेघालय भारत का पर्वतीय एवं सर्वाधिक वर्षा वाला राज्य है। मेघालय शब्द का अर्थ ही मेघों का गृह है। ऊपर लाइटमावसियांग भूभाग कोहरे और मेघों में लिपटा दिखाई दे रहा है।]]
मेघालय पूर्वोत्तर भारत की [[सात बहनों वाले राज्य]] में से एक है। यह एक पर्वतीय राज्य है जिसमें [[घाटी|घाटियों]] और [[पठार|पठारों]] तथा ऊंचीऊँची-नीची भूमि वाले क्षेत्र हैं। यहाँ पर भूगर्भीय सम्पदा भी प्रचुर उपलब्ध है। यहांयहाँ मुख्यतः [[आर्कीअन|आर्कियन पाषाण संरचनाएं]] हैं। इन पाषाण शृंखलाओं में [[कोयला]], [[चूना पत्थर]], [[यूरेनियम]] और [[सिलीमैनाइट|सिलिमैनाइट]] जैसे बहुमूल्य [[खनिजों की सूची|खनिजों]] के भण्डारभंडार हैं।
 
मेघालय में बहुत सी नदियांनदियाँ भी हैं जिनमें से अधिकांश वर्षा आश्रित और मौसमी हैं।
 
* गारो पर्वतीय क्षेत्र की कुछ महत्त्वपूर्ण नदियांनदियाँ हैं: गनोल, दारिंग, सांडा, बाड्रा, दरेंग, सिमसांग, निताई और भूपाई।
* पठार के पूर्वी (जयन्तिया) एवं मध्य भागों (खासी) में ख्री, दिगारू, [[उमियम झील|उमियम]], किन्शी (जादूकता), माओपा, उम्नगोट और मिन्डटू नदियांनदियाँ हैं।
 
दक्षिणी खासी पर्वतीय क्षेत्र में इन नदियों द्वारा गहरी गॉर्ज रूपी घाटियां एवं ढेरों नैसर्गिक जल प्रपात निर्मित हुए हैं।
 
[[File:Tea Plantation Agriculture in Meghalaya India on the way to Shillong.jpg|thumb|मेघालय में कृषि भूमि पर्वतीय है।]]
पठार क्षेत्र की ऊंचाईऊँचाई {{convert|150|m|abbr=on}} से {{convert|1961|m|abbr=on}} के बीच है। पठार के मध्य भाग में [[खासी पर्वतमाला]] के भाग हैं जिनकी ऊंचाईऊँचाई अधिकतम है। इसके बाद दूसरे स्थान पर जयन्तियाजयंतिया पर्वतमाला वाला पूर्वी भाग आता है। मेघालय का उच्चतम स्थान शिलाँग पीक है, जहांजहाँ बड़ा वायु सेना स्टेशन है। यह खासी पर्वत का भाग है और यहांयहाँ से शिलांगशिलाँग शहर का मनोहारी एवं विहंगम दृश्य दिखाई देता है। [[शिलाँग पीक|शिलांग पीक]] की ऊंचाई {{convert|1961|m||abbr=on}} है। पठार के पश्चिमी भाग गारो पर्वत में है और अधिकतर समतल है। गारो पर्वतमाला का उच्चतम शिखर [[नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान|नोकरेक पीक]] है जिसकी ऊंचाईऊँचाई {{convert|1515|m||abbr=on}} है।
 
=== जलवायु ===
{{seealso|मेघालय की जलवायु}}
 
कुछ क्षेत्रों में वार्षिक औसत वर्षा {{convert|12000|mm|in|abbr=on}} के साथ मेघालय पृथ्वी पर आर्द्रतम स्थान अंकित है।<ref>{{cite web|url=http://www.huffingtonpost.com/2013/07/30/wettest-place-on-earth-india-mawsynram_n_3675254.html|title=The Wettest Place On Earth: Indian Town Of Mawsynram Holds Guinness Record For Highest Average Annual Rainfall|author=Ammu Kannampilly|publisher=Huffington Post|date=July 31, 2013|accessdate=August 16, 2013|archive-url=https://web.archive.org/web/20130823215636/http://www.huffingtonpost.com/2013/07/30/wettest-place-on-earth-india-mawsynram_n_3675254.html|archive-date=23 अगस्त 2013|url-status=live}}</ref> पठार का पश्चिमी भाग, जिसमें गारो पर्वतों के निचले भाग आते हैं वर्ष पर्यन्तपर्यंत उच्च तापमान में रहता है। ऊंचाईयोंऊँचाईयों वाले शिलांगशिलाँग एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में प्रायः कम तापमान रहता है। इस क्षेत्र का अधिकतम तापमान यदा कदा ही {{convert|28|C|F}} से ऊपर जाता होगा,<ref>{{cite web | url=http://megipr.gov.in/basic_facts.htm | title=Basic facts of Meghalaya | accessdate=13 January 2012 | url-status=dead | archiveurl=https://web.archive.org/web/20120120204955/http://megipr.gov.in/basic_facts.htm | archivedate=20 January 2012 | df=dmy-all }}</ref> जबकि शीतकालीन उप-शून्य तापमान यहांयहाँ सामान्य हैं।[[File:Cherrapunji.jpg|thumb|170px|left|चेरापुञ्जी में एक साइनबोर्ड।]]
राजधानी शिलांगशिलाँग के दक्षिण में खासी पर्वत स्थित सोहरा ([[चेरापूंजी]]) कस्बा एक कैलेण्डरकैलेंडर माह में सर्वाधिक वर्षा का कीर्तिमान धारक है, जबकि निकटवर्ती [[मौसिनराम]] ग्राम वर्ष भर में विश्व की सर्वाधिक वर्षा का कीर्तिमान धारक है।<ref>{{cite web|url=http://wmo.asu.edu|title=Global Weather & Climate Extremes|publisher=[[World Meteorological Organisation]]|accessdate=2010-09-25|archive-url=https://web.archive.org/web/20151208085718/http://wmo.asu.edu/|archive-date=8 दिसंबर 2015|url-status=live}}</ref>
 
=== वन्य जीवन ===
पंक्ति 123:
| image2 =Female Hoolock Gibbon.jpg
}}
राज्य का लगभग ७०70% से अधिक भाग वनाच्छादित है, जिसमें से {{convert|9496|km2|mi2|abbr=on}} सघन प्राथमिक उपोष्णकटिबंधीय वन हैं।<ref name="Meghalaya and Its Forests"/> मेघालयी वन एशिया के प्रचुरतम वनस्पति निवासों में से एक हैं। इन वनों को भरपूर वर्षा उपलब्ध रहती है और यहांयहाँ प्रचुर मात्रा में वनस्पति एवं वन्य जीव अपनी विविधता के संग मिलते हैं। मेघालय के वनों का एक लघु भाग भारत के पवित्र वृक्षों (''सैक्रेड ग्रोव्स'') के नाम से जाना जाता है। प्राचीन वनों के कुछ छोटे भाग हैं जिन्हें समुदायों द्वारा सैंकड़ों वर्षों से धार्मिक एवं सांस्कृत विश्वास के कारण संरक्षित किया जाता रहा है। ये वन भाग धार्मिक कृत्यों हेतु रक्षित रहते हैं और किसी भी प्रकार के शोषण से सुरक्षित रखे जाते हैं। इन पवित्र ग्रोव्स में बहुत से दुर्लभ पादप एवं पशु आते हैं। पश्चिम गारो हिल्स में [[नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान|नोकरेक बायोस्फ़ेयर रिज़र्व]] एवं दक्षिण गारो हिल्स में [[बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान|बालफकरम राष्ट्रीय उद्यान]] को मेघालय के सर्वाधिक जैवविविधता बहुल स्थलों में गिना जाता हैं। मेघालय में तीन वन्य जीवन अभयारण्य हैं: [[नोंगखाइलेम वन्य जीवन अभयारण्य|नोंगखाईलेम]], सिजू अभयारण्य एवं [[बाघमारा, मेघालय|बाघमारा अभयारण्य]], जहां कीटभोजी [[घटपर्णी]] (''पिचर प्लांट'') ''नेपेन्थिस खासियाना'' का पौधा मिलता है जिसे स्थानीय भाषा में "''मे'मांग कोकसी''" कहते हैं।
 
यहांयहाँ के मौसम और स्थलीय स्थितियों में विविधता के कारण मेघालय के वनों में पुष्पों की प्रजातियों का बाहुल्य है। इनमें परजीवी, [[अधिपादप]], रसभरे पौधों और झाड़ियों की बड़ी विविध प्रजातियां मिलती हैं। यहांयहाँ की सबसे महत्वपूर्ण वृक्ष किस्मों में से दो हैं साल का पेड (''शोरिया रोबस्टा)'' और टीक (''टेक्टोना ग्रैंडिस'') हैं। मेघालय फल, सब्जियों, मसालों और औषधीय पौधों की ढेरों किस्म का घर है। मेघालय अपने विभिन्न प्रकार के ३२५325 से अधिक किस्मों के [[ऑर्किड|ऑर्किड्स]] के लिए भी प्रसिद्ध है। इनमें से सर्वाधिक पाई जाने वाली किस्में खासी पर्वतों के मासस्माई, माल्मलुह और सोहरारीम जंगलों में पाई जाती है।
 
.
 
[[File:Nepenthes khasiana.jpg|170px|thumb|left|[[नेपेन्थिस खासियाना]]]]
मेघालय में स्तनधारियों, पक्षियों, सरीसृपों एवं कीट, कृमियों की भी अनेक किस्में पायी जाती हैं।<ref>Choudhury, A. U. (2003) "Meghalaya's vanishing wilderness". ''Sanctuary Asia'' 23(5): 30–35</ref> स्तनधारियों की महत्त्वपूर्ण प्रजातियों में हाथी, भालू, लाल पाण्डा,<ref>Choudhury, A. U. (1996) "Red panda in Garo Hills". ''Environ'' IV(I): 21</ref> सिवेट, नेवले, [[रासू]], कृंतक, गौर, जंगली भैंस,<ref>Choudhury, A. U. (2010) ''The Vanishing Herds: the wild water buffalo''. Gibbon Books, Rhino Foundation, CEPF & COA, Taiwan, Guwahati, India</ref> हिरण, जंगली सूअर और कई [[नरवानर गण]] और साथ ही चमगादड़ की प्रचुर प्रजातियां भी मिलती हैं। मेघालय की चूनापत्थर गुफाएँ जैसे सीजू की गुफाओं में देश की कई लुप्तप्राय एवं दुर्लभ चमगादड़ प्रजातियांप्रजातियाँ मिलती हैं। यहांयहाँ के लगभग सभी जिलों में ''हूलॉक जिब्बन'' भी दिखाई देता है।<ref>Choudhury, A. U. (2006) "The distribution and status of hoolock gibbon, Hoolock hoolock, in Manipur, Meghalaya, Mizoram and Nagaland in Northeast India". ''Primate Conservation'' 20: 79–87</ref>
 
यहाँ के सामान्यतया पाये जाने वाले सरीसृपों में छिपकलियांछिपकलियाँ, मगरमच्छ और कछुए आते हैं। मेघालय में बड़ी संख्या में सर्पों की प्रजातियांप्रजातियाँ मिलती हैं, जिनमें अजगर, कॉपरहैड, ग्रीन ट्री रेसर, नाग, कोरल स्नेक तथा [[वाइपरिडाए|वाइपर्स]] भी आते हैं।<ref>Zoological Survey of India, Fauna of Meghalaya: Vertebrates, Part 1 of Fauna of Meghalaya, Issue 4, Government of India (1995)</ref>
 
मेघालय के वनों में पक्षियों की ६६०660 प्रजातियांप्रजातियाँ मिलती हैं जिनमें से अधिकांशअधिकाँश हिमालय की तलहटी क्षेत्रों, तिब्बत एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया की स्थानिक हैं। यहांयहाँ पायी जाने वाली पक्षी प्रजातियों में से ३४34 विश्वव्यापी लुप्तप्राय (एनडेन्जर्ड) प्र्जातिप्रजाति सूची एवं 9 [[लुप्तप्राय प्रजातियां|लुप्तप्राय प्रजाति]] सूची में आती हैं।<ref name=avibase>[http://avibase.bsc-eoc.org/checklist.jsp?region=INneml&list=howardmoore Birds of Meghalaya] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20150122054357/http://avibase.bsc-eoc.org/checklist.jsp?region=INneml&list=howardmoore |date=22 जनवरी 2015 }} Avibase (2013)</ref> मेघालय में प्रायः दिखाई देने वाली पक्षी प्रजातियों में फैसियनिडी, एनाटिडी, पोडिसिपेडिडी, सिकोनाईडी, थ्रेस्कियोर्निथिडी, आर्डेडी, पेलिकनिडी, फैलाक्रोकोरैसिडी, एन्हिन्जिडी, फ़ैल्कोनिडी, एसिपिट्रिडी, ओटिडिडी, आदि बहुत सी किस्में हैं।<ref name=avibase/> इन प्रत्येक किस्म में बहुत सी प्रजातियांप्रजातियाँ हैं। [[धनेश|ग्रेट इण्डियन हॉर्नबिल]] मेघालय का सबसे बड़ा पक्षी है। अन्य क्षेत्रीय पक्षियों में [[सलेटी मयूर-तीतर]], बड़े भारतीय तोते (''इण्डियन पैराकीट''), हरे कबूतर एवं ब्लू जे पक्षी आते हैं। <ref>Choudhury, A.U. (1998) ''Birds of Nongkhyllem Wildlife Sanctuary & adjacent areas''. The Rhino Foundation for Nature in North East India, Guwahati, India. 31pp.</ref> मेघालय २५०250 से अधिक तितलियों का भी गृह स्थान है जो भारत में पायी जाने वाली कुल प्रजातियों का लगभग एक-चौथाई है।
 
== जनसांख्यिकी ==