भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने संबंधी प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है क्योंकि इससे नियामकीय समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय बैंक का मानना है कि 100 प्रतिशत एफडीआई से निजी व विदेशी बैंको के नियम जटिल हो सकते हैं।
वित्त, वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालयों व रिजर्व बैंक के अधिकारियों की हाल ही में हुई बैठक में निजी क्षेत्र बैंकों में एफडीआई सीमा बढाने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।
सूत्रों का कहना हे कि भारतीय रिजर्व बैंक को इस प्रस्ताव पर कुछ आपत्तियां हैं।
सूत्रों के अनुसार,‘ रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय व डीआईपीपी के साथ प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है। इस बारे में कोई फैसला महीने भर में आने की संभावना है।’ मौजूदा व्यवस्था के तहत निजी क्षेत्र बैंकों में 74 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसमें से 49 प्रतिशत तक एफडीआई स्वत: मार्ग से लाया जा सकता है जबकि उससे अधिक एफडीआई के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी लेनी होती है।