फिनफ्लुएंसर को लेकर सेबी का फरमान, रजिस्टर्ड एंटिटी के साथ नहीं कर पाएंगे काम

Edited by Ranjeeta Pathare | ET Online | Updated: 28 Jun 2024, 2:47 pm

सेबी की प्रमुख माधवी पूरी (SEBI chief Madhavi Puri) का कहना है कि अनरेगुलेटेड एंटिटी अवैध तरीके से बाजार से जुड़ी सलाह दे रहे हैं. सेबी की अनुमति के बिना रजिस्टर्ड संस्थाओं और उनके एजेंटों को वित्तीय सलाह देने या किसी भी प्रदर्शन या वित्तीय दावे करने वाले किसी संस्था या व्यक्ति से जुड़ने पर भी प्रतिबंध लगाया है.

फिनफ्लुएंसर (Fininfluencers) के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India) नए नियमों को मंजूरी दी है. सेबी (SEBI) ने अपनी बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया है कि फिनफ्लुएंसर ब्रोकर जैसे रजिस्टर्ड एंटिटी के साथ काम नहीं कर पाएंगे.
फिनफ्लुएंसर को लेकर सेबी का फरमान, रजिस्टर्ड एंटिटी के साथ नहीं कर पाएंगे काम
फिनफ्लुएंसर को लेकर सेबी का फरमान, रजिस्टर्ड एंटिटी के साथ नहीं कर पाएंगे काम
सेबी की प्रमुख माधवी पूरी (SEBI chief Madhavi Puri) का कहना है कि अनरेगुलेटेड एंटिटी अवैध तरीके से बाजार से जुड़ी सलाह दे रहे हैं. सेबी की अनुमति के बिना रजिस्टर्ड संस्थाओं और उनके एजेंटों को वित्तीय सलाह देने या किसी भी प्रदर्शन या वित्तीय दावे करने वाले किसी संस्था या व्यक्ति से जुड़ने पर भी प्रतिबंध लगाया है.

इसके लिए रजिस्टर्ड एंटिटीज को ही जांच करनी होगी कि उनके कोई भी सहयोगी किसी भी ऐसी प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल तो नहीं है. यदि वे ऐसा नहीं करेगी तो उनके खिलाफ सेबी कार्रवाई कर सकता है.

निवेशकों को गुमराह कर रहे फिनफ्लुएंसर?



सेबी की ओर से यह भी कहा गया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये रियल एस्टेट, व्यक्तिगत वित्त, निवेश जैसे विषयों पर फिनफ्लुएंसर सलाह देते हैं. कई तो ऐसे फिनफ्लुएंसर भी हैं, जिनके पास सही जानकारी भी मौजूद नहीं रहती. ऐसे लोगों की बातों को सुनकर कई लोगों को काफी उकासन का सामना करना पड़ा है.

लोगों को ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए ये फिनफ्लुएंसर म्यूचुअल फंड और ब्रोकर के साथ साझेदारी करके लोगों को सलाह देते हैं. हालांकि अधिकतर ऐसी साझेदारियां अनैतिक होती है. जिनके कारण केवल निवेशकों को गुमराह ही किया जाता है.

बनाया जाएगा इकोसिस्टम



निवेशकों की मदद करने के लिए सेबी ने निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट से यह आग्रह किया है कि वे अपने ग्राहकों से शुल्क लेने का एक इकोसिस्टम बनाए. जिससे निवेशकों को यह सुनिश्चित हो सके कि उनका भुगतान सेबी से रजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट के पास ही जा रहा है.

इससे फर्जी सलाहकारों की भी पहचान होगी. इसके अलावा सेबी ने विदेश में बड़े भारतीयों के लिए भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के रजिस्ट्रेशन से जुड़े नियमों में संशोधन किया है.

Ranjeeta Pathare के बारे में
Ranjeeta Pathare Consultant
रंजीता, पिछले छह सालों से डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. इस दौरान इन्होंने अलग-अलग कई न्यूज़ पोर्टल्स पर काम किया. मूल रूप से बैतूल की रहने वाली हैं, लेकिन पढ़ाई इंदौर से पूरी हुई. बिजनेस के साथ ही राजनीति, शिक्षा और लाइफस्टाइल की खबरों में ख़ास रूचि है.Read More