कई रिपोर्ट्स में टैरिफ बढ़ोतरी का जिक्र
आईआईएफएल सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन और कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने गुरुवार को अपनी-अपनी रिपोर्ट में कहा कि अब जबकि स्पेक्ट्रम नीलामी खत्म हो चुकी है, सभी का ध्यान संभवतः टैरिफ की बढ़ोतरी पर होगा. आईआईएफएल ने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम नीलामी समाप्त होने के बाद अब सभी की निगाहें आसन्न शुल्क बढ़ोतरी पर टिकी हैं."
जानिए रिपोर्ट में क्या है?
कोटक का भी मानना है कि अब ध्यान शुल्क बढ़ोतरी पर होगा.
उसने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद हमारा मानना है कि आने वाले दिनों में ध्यान अब शुल्क बढ़ोतरी पर केंद्रित होगा." जेपी मॉर्गन ने कहा कि शुल्क के संबंध में कदम उठाने के लिए रास्ता साफ हो गया है. उसने कहा, ‘‘नीलामी के बिना किसी आश्चर्य के समाप्त होने से शुल्क पर कदम उठाने की कार्रवाई शुरू होनी चाहिए. हमारा मानना है कि कल शेयर में तेज प्रतिक्रिया के पीछे इसका असर रहा होगा."
जेपी मॉर्गन ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी/तीसरी तिमाही में 25 प्रतिशत शुल्क बढ़ोतरी आसन्न है.
एयरटेल ने सबसे ज्यादा खरीदा स्पेक्ट्रम
दूरसंचार स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए आयोजित नीलामी में 11,340.78 करोड़ रुपये मूल्य के 141.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की ही बिक्री हो पाई. भारती एयरटेल स्पेक्ट्रम खरीद में सबसे आगे रही. उसने 6,856.76 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा. स्पेक्ट्रम नीलामी दूसरे दिन बुधवार को बोली शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर ही समाप्त हो गई. इसके पहले मंगलवार को नीलामी के पहले दिन पांच दौर में बोलियां लगाई गई थीं.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस नीलामी में रिलायंस जियो ने 973.62 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम हासिल किया, जबकि वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने करीब 3,510.4 करोड़ रुपये मूल्य के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई. कुल मिलाकर, इस स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार को कुल 11,340.78 करोड़ रुपये मिले. यह सरकार द्वारा बिक्री के लिए रखे गए स्पेक्ट्रम के अनुमानित मूल्य 96,238 करोड़ रुपये का सिर्फ 12 प्रतिशत है.