Please enable javascript. एसआईपी में निवेश के लिए 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए क्या है नियम - what are the rules for investing in sip for children below 18 years of age | The Economic Times Hindi

एसआईपी में निवेश के लिए 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए क्या है नियम

Edited by Ranjeeta Pathare | ET Online | Updated: 28 Jun 2024, 2:52 pm

बाजार के एक्सपर्ट्स (Market Experts) का कहना है कि एसआईपी (SIP) में जितने जल्दी निवेश की शुरुआत की जाए उतना अच्छा है. क्योंकि इसमें उतना ज्यादा रिटर्न मिलता है. लेकिन यदि कोई माइनर इसमें निवेश करना चाहता है तो उसे उसके माता-पिता या अभिभावक की आवश्यकता होगी.

 
एसआईपी में निवेश के लिए 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए क्या है नियम
एसआईपी में निवेश के लिए 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए क्या है नियम
निवेश के लिए म्‍यूचुअल फंड (Mutual Funds) के एसआईपी (SIP) को बेहतर माना जाता है. यह समय के साथ काफी लोकप्रिय होती जा रही है. बाजार जोखिम होने के बाद भी इसके जरिये कई लोग लॉन्ग टर्म (Long Term Investment) में अच्छा खासा प्रॉफिट कमा रहे हैं. इसमें औसतन 12 फीसदी रिटर्न मिल ही जाता है. कोई भी व्यक्ति 500 रुपए से भी निवेश एसआईपी में निवेश की शुरुआत कर सकता है.
एसआईपी की शुरुआत के बाद इसे कुछ समय बाद बढ़ाया भी जा सकता है. साथ ही यदि वित्तीय परेशानी का सामना कर रहे हैं तो निवेश को कुछ समय के लिए रोका भी जा सकता है. बेहतर रिटर्न के कारण इसे काफी पसंद किया जाता है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या जिनकी उम्र 18 साल से कम है वे भी इसमें निवेश कर सकते हैं?

एसआईपी में माइनर के लिए क्या है नियम



बाजार के एक्सपर्ट्स (Market Experts) का कहना है कि एसआईपी (SIP) में जितने जल्दी निवेश की शुरुआत की जाए उतना अच्छा है. क्योंकि इसमें उतना ज्यादा रिटर्न मिलता है. लेकिन यदि कोई माइनर इसमें निवेश करना चाहता है तो उसे उसके माता-पिता या अभिभावक की आवश्यकता होगी. हालांकि इसमें ज्वाइंट होल्डर (Joint Holder) नहीं होता है. जिस बच्चे के नाम पर एसआईपी की शुरुआत की जाती है वही होल्डर माना जाता है.


माइनर के लिए किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता



यदि किसी नाबालिग के नाम पर एसआईपी की शुरुआत होती है तो अभिभावक को बच्चे के साथ रिश्ते का सबूत देना होता है. इसके लिए माइनर की जन्म तिथि साबित करने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट, अभिभावक के साथ रिश्ते का साक्ष्य, पासपोर्ट या इसके अलावा ऐसा अन्य कोई दस्तावेज जिसमें अभिभावक और माइनर के रिश्ते की पुष्टि हो सके. लीगल गार्जियन के मामले में नो योर कस्टमर से जुड़ी शर्तों का पालन करना होगा.

कैसे होंगे ट्रांजेक्शन



वैसे तो बच्चे के बैंक खाते से सीधे ट्रांजेक्शन किये जा सकते हैं. लेकिन यदि अभिभावक अपने बैंक खाते से ट्रांजेक्शन कर रहे हैं तो उन्हें थर्ड पार्टी डिक्लेरेशन फॉर्म भरकर सबमिट करना होगा.

माइनर से मेजर होने की देनी होगी जानकारी


जब बच्चे की उम्र 18 साल से अधिक की हो जाए तब सबसे पहले अभिभावक को एसआईपी पर रोक लगानी होगी. इसके बाद यूनिट होल्डर के पंजीकृत पते पर नोटिस भेजना होगा. जिसमें माइनर के स्टेटस को मेजर में बदलने के लिए आवेदन पत्र जमा करना होगा.

Ranjeeta Pathare के बारे में
Ranjeeta Pathare
Ranjeeta Pathare Consultant
रंजीता, पिछले छह सालों से डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. इस दौरान इन्होंने अलग-अलग कई न्यूज़ पोर्टल्स पर काम किया. मूल रूप से बैतूल की रहने वाली हैं, लेकिन पढ़ाई इंदौर से पूरी हुई. बिजनेस के साथ ही राजनीति, शिक्षा और लाइफस्टाइल की खबरों में ख़ास रूचि है.Read More