उनके काम और सफलता को देखते हुए साल 2021 में उद्योग और उद्यमिता में योगदान के कारण उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. वे आज बड़े स्तर पर आइसक्रीम, ब्रेड, बिस्कुट और सॉस बना रही हैं.
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले कराची में रजनी का जन्म हुआ था. विभाजन के बाद उनके परिवार को सब कुछ छोड़कर भारत आना पड़ा. जब रजनी 17 साल की थीं तब उनकी शादी लुधियाना के बड़े कारोबारी परिवार में की गई.
बच्चे स्कूल गए तो की पढ़ाई
रजनी बेक्टर की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है. शादी से पहले जब उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो सकी. तो जब बच्चे बोर्डिंग स्कूल गए तब उन्होंने पढ़ाई करने का मन बनाया. उन्होंने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से बेकरी का कोर्स किया. वे जो भी बनाती वह परिवार और दोस्तों को खूब पसंद आता. जिसके बाद उन्होंने 300 रुपये में एक ओवन खरीदा. इसके साथ ही घर में ही आइसक्रीम बनाना भी शुरू कर दिया.
उठाना पड़ा नुकसान
उनके प्रोडक्ट्स के बेहतरीन स्वाद के कारण उनके पास मांग बढ़ गई. लेकिन पैसे नहीं होने के कारण वे मांग पूरी नहीं कर पा रही थी. जिसके कारण उन्हें काफी नुकसान भी हुआ. इसके बाद उनके पति धर्मवीर ने उनके कारोबार में 20,000 रुपये का निवेश किया.
साल 1978 में पति से मिले पैसे से रजनी ने पहली आइसक्रीम बनाने की एक यूनिट लगाई. जिसका नाम उन्होंने 'क्रेमिका' (Cremica) रखा. इसके बाद उन्होंने ब्रेड, बिस्कुट और सॉस का निर्माण करना भी शुरू कर दिया. अपनी मेहनत और विश्वास के दम पर रजनी ने अपने कारोबार को सफलता की ऊंचाई पर पहुंचा दिया.
क्रेमिका भारत में दूसरी सबसे बड़ी बिस्कुट निर्यातक कंपनी है. दुनिया के लगभग 60 से ज्यादा देशों में उनके प्रोडक्ट्स को खूब पसंद किया जाता है. उनकी कंपनी की वैल्यू 7,000 करोड़ रुपये है.