Please enable javascript. 22 एकड़ जमीन पर रिटायर्ड फौजी ने शुरू की पपीते की खेती, अब कर रहे लाखों की कमाई - retired army man jaibir singh success story earn earning lakhs through papaya farming | The Economic Times Hindi

22 एकड़ जमीन पर रिटायर्ड फौजी ने शुरू की पपीते की खेती, अब कर रहे लाखों की कमाई

Edited by Ranjeeta Pathare | ET Online | Updated: 19 Jun 2024, 6:24 pm

जयबीर बताते हैं कि वे अपने गांव में स्थित 22 एकड़ जमीन पर पपीते की खेती (Papaya Farming) कर रहे हैं. जिसमें केवल एक एकड़ में पपीते के पेड़ों को पालने उनकी देखभाल करने में 80 से 85 हजार रुपये की आवश्यकता होती है.

 
22 एकड़ जमीन पर रिटायर्ड फौजी ने शुरू की पपीते की खेती, अब कर रहे लाखों की कमाई
22 एकड़ जमीन पर रिटायर्ड फौजी ने शुरू की पपीते की खेती, अब कर रहे लाखों की कमाई
आजकल सभी जगह खेती का बोलबाला हो रहा है. अच्छी खासी नौकरी करने वाले लोग भी खेती करके खूब कमाई कर रहे हैं. ऐसे ही सेना से रिटायर फौजी ने भी पपीता की खेती (Papaya Farming) करके हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. हरियाणा के रोहतक के माडौदी गांव में रहने वाले जयबीर सिंह सेना के रिटायर फौजी (Retired army man Jaibir Singh) हैं.

सरकार देती है सब्सिडी



जयबीर बताते हैं कि वे अपने गांव में स्थित 22 एकड़ जमीन पर पपीते की खेती (Papaya Farming) कर रहे हैं. जिसमें केवल एक एकड़ में पपीते के पेड़ों को पालने उनकी देखभाल करने में 80 से 85 हजार रुपये की आवश्यकता होती है. जिसमें से आधा पैसा यानी 43 हजार रुपये सरकार से सब्सिडी के रूप में मिल जाते हैं. जिसके कारण खेती से उनका लाभ और बढ़ जाता है.


आधुनिक खेती पर ध्यान दें किसान



जयबीर सिंह ने दुसरे किसानों से भी अपील की है कि वे भी पारम्परिक खेती को छोड़कर फलों और सब्जियों की खेती करना शुरू करें क्योंकि इसमें ज्यादा लाभ है. इसके साथ ही इसमें प्रतिदिन का खर्चा भी आसानी से निकल जाता है.

यदि खेती के लिए सरकार से सलाह ली जाती है तो सरकार कई तरह से मदद करती है. आपकी फसल की देखभाल के लिए बागवानी विभाग से डॉक्टर आते हैं. फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए भी सलाह दी जाती है.

उन्हें उनके एक साथी ने सब्जियों और फलों की खेती करने की सलाह दी थी. जिसके बाद उन्होंने लगभग 22 एकड़ जमीन पर पपीते की खेती शुरू कर दी. शुरुआत में उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में अब उन्हें खूब मुनाफ़ा हो रहा है. पपीते के साथ ही वे बीच में कुछ सब्जियां भी उगाते हैं.

बागवानी विभाग से मिला था सुझाव


जयबीर सिंह का कहना है कि उन्हें बाग्वाई विभाग की ओर से पपीते की खेती करने की सलाह दी गई थी. जब उन्हें सरकारी की तरफ से सब्सिडी मिली और उन्हें मुनाफ़ा हासिल हुआ तो उनका हैसला और बढ़ा. यह खेती बहुत ही आसान है. इसमें मेहनत भी कम है.

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Ranjeeta Pathare के बारे में
Ranjeeta Pathare
Ranjeeta Pathare Consultant
रंजीता, पिछले छह सालों से डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. इस दौरान इन्होंने अलग-अलग कई न्यूज़ पोर्टल्स पर काम किया. मूल रूप से बैतूल की रहने वाली हैं, लेकिन पढ़ाई इंदौर से पूरी हुई. बिजनेस के साथ ही राजनीति, शिक्षा और लाइफस्टाइल की खबरों में ख़ास रूचि है.Read More