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दुई

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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दुई संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ दी + ई] दो की भावना । द्वैत भाव । भेद- भाव । उ॰— कबीर इश्क का माता दुई को दूर कर दिल से । जो चलना राह नाजुक हैं हमन सर बोझ भारी क्या ।— कबीर॰ श॰, भा॰ १, पृ॰ ७० ।